एक सुलगती हुई किशोर देवी, 18, बड़ी उम्र के, संपन्न पुरुषों की इच्छा रखती है। वह कुशलता से अपने भाग्यशाली साथी की सेवा करती है, उसकी तंग सिलवटों को उत्सुकता से उसकी धड़कती मर्दानगी को स्वीकार करती है। उनके भावुक, तीव्र युग्मन में कच्ची, अनफ़िल्टर्ड वासना और आपसी संतुष्टि दिखाई देती है।.