एकांत के पल में मैंने खुद को खुश करते हुए पाया.मुझे अनजाने में मेरी सास ने मुझे इस हरकत में दबोचते हुए अंदर घुसा दिया.उनके चेहरे पर जो झटका लगा था, वो देखने लायक था.
मैं सोफे पर लाउंज कर रही थी, मेरा हाथ अपने बदन की रूपरेखा तलाश रहा था, तभी मुझे दरवाजे पर दस्तक सुनाई दी.मुझे किसी से कोई उम्मीद नहीं थी, तो मैंने मान लिया कि यह मेरे पति की मां ही होगी.मैंने झट से अपने थिरकते हुए सदस्य को सोफे की गद्दी के नीचे छुपा लिया, इस उम्मीद में कि किसी ने मुझे खुद को खुश करते हुए नहीं देखा था.मगर मेरी भयावहता की वजह से मेरी सास ने मुझे इस हरकत में पकड़ लिया.उनकी आंखें सदमे में फैल गईं, और मुझे उनके चेहरे पर लिखी अस्वीकृति का सब दिख गया.मैंने इसे कुछ नहीं बजाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने सच जान लिया.मैंने एक लाइन पार कर ली थी, और अब मुझे यकीन हो गया था कि वो मेरे पति को मेरे शर्मनाक कृत्य के बारे में बता देंगी.हालत तनावपूर्ण था, लेकिन मैंने बहुत माफी मांग कर इसे फैलाने में कामयाब रही थी.मैंने फिर कभी ऐसा करने का वादा नहीं किया, और वो बेमन से मान गईं.मैं जानती थी कि मैंने संकीर्ण रूप से एक संभावित आपदा को टाल दिया था, और मैंने भविष्य में और अधिक सावधान रहने की कसम खाई थी.