दो पुरानी समलैंगिक महिलाएं उदासीन वातावरण में अपनी अंतरजातीय इच्छाओं में लिप्त हैं। उनकी केमिस्ट्री तब प्रज्वलित होती है जब वे एक-दूसरे के शरीर का पता लगाते हैं, जिससे कोई भी हिस्सा अछूता नहीं रह जाता है। उनका भावुक मुठभेड़ कालातीत समलैंगिक प्रेम का एक वसीयतनामा है।.