मेरी पत्नी जानती है कि खुद को कैसे आनंदित करना है। जब वह कुशलता से अपनी गीली सिलवटों को सहलाती है, तो परमानंद के शिखर तक पहुंचती है। जब वो चरमोत्कर्ष पर पहुंचती है तो उसकी कराहें कमरे में गूंजती हैं, जिससे उसकी सांसें थम जाती हैं और वह संतुष्ट हो जाती है।.