एक चिकित्सा पेशेवर एक युवा महिला की अंतरंग शारीरिक रचना की खोज का गवाह बनता है, जिसमें उसका अटूट हाइमन भी शामिल है। उसकी व्यक्तिगत जांच सामने आती है, जिससे उसकी अनछुई स्थिति का पता चलता है। डॉक्टर एक दृश्यरतिक रुख बनाए रखता है, यह देखते हुए कि उसकी मासूमियत को नाजुकता से भंग किया जाता है।.